Tuesday, July 13, 2010

नए गरीबों को गांधी जयंती से सस्ता अनाज

ठ्ठ सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली देश में गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों (बीपीएल परिवार) की संख्या बढ़ गई है। सरकार ने मंगलवार को यह बात स्वीकार करते हुए राशन प्रणाली को चाक चौबंद करने की तैयारी शुरू कर दी है। गांधी जयंती यानि 2 अक्टूबर से डेढ़ करोड़ नए गरीब परिवारों को राशन प्रणाली के जरिए अनाज मिलने लगेगा। राज्यों के खाद्य सचिवों के दो दिनी सम्मेलन के अंतिम दिन योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने बीपीएल की नवीनतम अधिकृत संख्या 8.07 करोड़ बताई जबकि पिछली जनगणना के अनुसार यह संख्या 6.52 करोड़ थी। इस घोषणा के साथ ही खाद्य मंत्रालय ने राज्यों को इस अतिरिक्त संख्या के मुताबिक सभी जरूरी उपाय कर लेने को कहा गया। हालांकि कृषि व खाद्य मंत्री शरद पवार ने कहा कि केंद्र के पास अनाज की कोई कमी नहीं है। सम्मेलन में गरीबों की संख्या को लेकर राज्यों ने कई सवाल खड़े किए, जिस पर अहलूवालिया ने प्रणाली में प्रयोग की राज्यों को छूट देने की हिमायत की। जो राज्य आवंटित अनाज उठाने में पीछे रहते हैं, उनके खाद्य सचिवों को पवार ने सावधान किया। अहलूवालिया ने इसका विरोध किया और कहा कि दुकानों के बीच प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। अहलूवालिया ने कहा कि 8.07 करोड़ बीपीएल परिवारों को 35 किलो की दर से अनाज देने और केंद्र की अन्य योजनाओं की जरूरतों को जोड़कर 4.30 करोड़ टन अनाज की जरूरत पड़ेगी। खाद्य मंत्रालय 5.30 करोड़ टन की खरीद करता है। प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार सी. रंगराजन ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून में गरीबी रेखा से नीचे और इसके ऊपर के उपभोक्ताओं को समान दर पर अनाज देना संभव नहीं हो सकेगा।
14/07/2010,danik jagran

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