Monday, November 22, 2010

आतंकियो का समर्थन

अरुंधती जी ने जिस तरीके से आतंकियो का समर्थन दिया है वह अब सर्मसार कर देने वाला है ,पुरानीबातो को भूल जाना हीसही होगा, ! अगर भारत ये सोचता की इंग्लैंड ने हमपर राज चलाया है,तो आज तक हम तरकी नहीं कर पाते,इस कारण अगर सरकर अब कुछ कार्य कर रही है तो उसकी कार्य मे बाधा डालना सही नहीं होगा , आज स्कूल, होस्पीटल,सडक और भी कितने तरह के सरकर कार्य कर रही है! और भी पैसे लगाने कों तैयार है, इस समय सरकार हर जगह विकास के लिये दुसरे देश से कर्ज भी ले रहे है १ अगर इन जगहों पर विकास हों रहा, तो फिर लडने की क्या बात है १ हम सभी कों मिल कर सहयोग करना चाहिये १ न की इन सभी पर अब लड़ना चाहिये १ ये देश हमारा है, इस देश के हम निवासी है , हमें मिलकर सोचना चाहिये की, कैसे हम देश कों आगे की ओर लेचले, किस तरह हम इस देश से आतंक वाद कों मिटाए , किस तरह से नक्सल प्रभावित इलाको कों शांति लाये, की तरह से कश्मीर के लोगों कों चैन की नीद सोने दे,किस तरह से चीन से कब्ज़ा किया गया इलका कों आजाद कराये , और भी हमारे ज़ो दुश्मन है ,ज़ो घात लगाए बैठे है उनको किस तरह से जबाब दिया जा सके १ देश मे बैठे ए। राजा , मधु कोड़ा , मायावती , रविंदर सिंह , जैसे लोगों कों सख्त से सख्त सजा दिया जाये १ न की देश कों बाटने की बात की जाए १ अरुंधती जी अभी भी समय है यक बार उसको फिर से सोच लो वरना ..........................

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