Sunday, November 28, 2010

कुछ याद उनहे भी कर लो ज़ो लौट कर घर न आये

शहीदों की चिताओ पर लगेंगे हर बरस मेले,
यही मरने वालो की आखरी निशान होगे१
आज २६/११ की दूसरी बरसी है इस को कैसे भुला सकते है,ये दिन तो क्या बूढ़ा, जवान , यहा तक की बच्चा -बच्चा तक जनता है की, किस तरह अतंकवादियो ने सीमा पर कर देश मे आतंक फैलयाhttp://www.pravakta.com/ था ! और उस आतंक मे कितने बेकसूर मरे गये थे कितने देश के जवान शहीद हुये थे ! कितनो की मांग से सिंदूर हट गई, तो कितनो की कोख सुनी पड़ गई ! लेकिन आज भी इन सब को आज तक इंसाफ नहीं मिल पाया है ! ये निकमी सरकार को जनता ने वोट दे कर जितया उन सब अहसानों को भुला कर अपनी राजनीती मे लगी हुई है १ क्या ये सरकार अंधी है या बहरी है, जिसको ये सब नहीं दिख रहा है १ आज देश मे हर जगह भुकमरी, है आज विकास नाम मात्र का हों रहा है , कितने बच्चे अभी भी अनपढ़ है 1एक अपराधी को बचाने मे ८० करोर से भी ज्याद खर्च किया जा रहा है१ और कितने अभी खर्च होंगे १ उस अपराधी को कांग्रेस सरकार उसको दुल्हे की तरह पिछले २ सालो से सजा कर उसको और सुडोल बनाने मे लगी है! और एक हम है की उन तमाम शहीदों के यादो मे हर २६/११ कों श्रधांजलि अर्पित करते है ! उन तमाम लोगों की कुरबानियो कों सरकार भूल गई है ! ये भी बात है की अगर आतंक कों अगर सरकार मिटा देगी तो राजनीती किसपर होगी !

No comments:

Post a Comment